वीडियो जानकारी:
अद्वैत बोध शिविर , 25.11.2018, जिम कॉर्बेट, उत्तराखंड, भारत
प्रसंग:
हउमै दीर्घ रोगु है दारू भी ईसु माहि।।
शब्दार्थ: अहम बहुत बड़ा रोग है लेकिन इसका इलाज़ भी इसी के भीतर पड़ा है।
~गुरु ग्रंथ साहिब
~ दर्द से मुक्ति कैसे संभव है?
~ अहम को क्यों रोग कहा गया है?
~ अहम का क्या इलाज़ है?
संगीत: मिलिंद दाते